Description
Sumati Navashtak
Sumati Navashtak is a soulful offering by Upadhyay prawar, Nepal Hind Gaurav Dr Vishal Muniji - a Jain monk - towards his guru Tapasvi Ratn Pujya Sumati Prakash ji.
Language: Hindi
उपाध्याय प्रवर डॉ. विशाल मुनि जी महाराज साहब इनके दीक्षा गुरु तपस्वी रत्न पूज्य श्री सुमति प्रकाश जी महाराज साहब का जन्म हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर जिले के चांव गांव में हुआ। माता जानकी देवी जी तथा पिता श्री ख्याल सिंह जी के वीर पुत्र ;आप सरल हृदय,स्पष्ट वक्ता, साधु मर्यादा के द्रुढ समर्थक, स्वावलंबन की प्रतिमूर्ति ,प्रकृति से विनोद प्रिय, निराशा और मायूसी से दूर, पीड़ित जनों के प्रति दयालु भाव रखने वाली सरल आत्मा है। आप 7 जुलाई 1971 से लगातार आयंबिल एकांतर तपश्चर्या् कर रहे हैं ।चार चार महीनों तक मौन तप भी आपने किया है और करते हैं। आप ही की जीवनी नेपाल हिंद गौरव-वाचन आचार्य -उपाध्याय प्रवर- डॉ विशाल मुनि जी महाराज साहब द्वारा विरचित 'सुमति नवाष्टक' के रूप में विश्व के सभी भक्तजनों को सादर समर्पित।
स्वर भक्ति से भावपूर्ण योगदान दिया है पुणे की सोनाली जैन ने।
सन उन्नीस सौ तिरपन(१९५३) में नेपाल के धौलागिरी आंचल में हरियाली से घीरे गांव कारकीनेटा में पंडित वासुदेव उपाध्याय के यहां धर्मशिला मां नंद कला की पावन कुक्षी में आपका जन्म हुआ। नेपाल से भारत में आकर जिन मार्ग के पथिक बनने वाले प्रथम संत है हमारे आराध्य वाचन आचार्य उपाध्याय प्रवर डॉ. विशाल मुनि जी महाराज साहब। जैसे सेतु के माध्यम से दो भूमिया जुड़ जाती है वैसे ही भारत से नेपाल में 'जिन 'धर्म को जोड़ने एवं अनेक भव्य आत्मा को कल्याण पथ के पथिक बनाने में गुरुवर आप श्रीजी कल्याण मित्र बने, धर्म सेतू बने। आप ही के द्वारा रचित गुरु सुमति नवाष्टक तथा गुरु आरती सभी भक्त जनों को सादर समर्पित है इसमें स्वर सेवा दी है महाराष्ट्र, पुणे के सोनाली जैन ने।
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